तोरे सिवा जाऊँ कहाँ,
पाऊँ तझु जाऊँ जहाँ
प्रभु मैं था एक अज्ञानी
अनग्रुह से ही तरेी महिमा जानी
भेड़ हूँ मैं तू है गड़रिया
आत्मा से मझु को चरा
तोरे सिवा…
काले समदंर से मैं घिरा था
आस ना थी कोई डूब रहा था
आके यीशू तूने बचाया
जीवन का मार्ग दिखाया
तोरे सिवा…
प्रभु मैं था एक अभिमानी
करता था अपनी मनमानी
पत्थर सा दिल पिघलाया
सच्चा प्रेम करना सिखाया
तोरे सिवा…
Bridge:
मोरे जीवन के तूम स्वामी
तुमको अर्पण प्राण आत्मा भी
तोरे जैसा कौन है प्रेमी
ना मिलेगा तुमसा कोई
भेड़ हूँ मैं तू है गड़रिया
आत्मा से मझु को चरा
तोरे सिवा…
सारे मिलकर जय जय गाएँ
तेरी आगे शीष झुकाए
सर्व शक्ति मान है तू
ना कोई तुझसा प्रभु
Psalm
119:105 “Your Word Is A Lamp To My Feet And A Light To My Path.”
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