कैसे मै तेरी महिमा गाऊं ,
शब्द भी कम पड़ जाएं।
लिखने बैठू तेरी बातें ,
कागज में ना समाएं ।(2)
आश्चर्य तेरे जग में इतने ,
कैसे मै इनको बयान करू। - (2)
तेरी प्रशंसा करू। ............... (2)
धन्यवाद कहूं। .................... (2)
किससे करू मै तेरी तुलना , कौन है तेरे समान ,
तूफ़ान भी सुनकर तेरी माने , सागर भी हट जाएं। (2)
आश्चर्य तेरे जग में इतने ,
कैसे मै इनको बयान करू। - (2)
तेरी प्रशंसा करू। ............... (2)
धन्यवाद कहूं। .................... (2)
मै लायक नहीं , अर्पण मेरे , कुबूल कर ले ,
अनुग्रह से मुझको सम्पूर्ण कर दे(2)
येशुआ ........... ( 4 )
आश्चर्य तेरे जग में इतने ,
कैसे मै इनको बयान करू। - (2)
तेरी प्रशंसा करू। ............... (2)
धन्यवाद कहूं। .................... (2)
No comments:
Post a Comment